जो जख्म मुफ्त मे ही अब जाये तो उन जख्मों को क्या खोना
गहरे जख्म अपने ही जब दे जाये तो उन जख्मों सा क्या होना
हमको जख्म सहना है मजबूरी वो जख्मों को हरा कर के
दवा जख्मों की जब मिल जाये तो उन जख्मों पे क्या रोना
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तुम्हें महफुज रखने की हमे कीमत चुकानी है
गली मे बिक रहे थे कल तुझे कीमत बतानी है
अपनी कीमत बताओं तुम तेरी कीमत अता कर दे
हमे समझा है आशिक जो वो मेरी भी दीवानी है
-ए
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